बृहस्पति ग्रह के उपग्रह यूरोपा में एलियंस !

💐एक प्रमुख ब्रिटिश अंतरिक्ष #वैज्ञानिक का मानना हैं कि यूरोपा की बर्फ की चादर के नीचे #परग्रही_जीवन है।
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बृहस्पति के चंद्रमा यूरोपा में बर्फ की चादर के नीचे एक विशाल महासागर है।
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प्रोफेसर मोनिका ग्रैडी नाम का एक ब्रिटिश वैज्ञानिक हाल ही में यूरोपा पर अलौकिक जीवन के समर्थन में सामने आई है।
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यूरोपा, सौरमंडल का छठा सबसे बड़ा चंद्रमा, इसके बर्फ के मीलों नीचे जीवन के लिए अनुकूल परिस्थितियां हो सकती हैं।
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यूरोपा बृहस्पति के 79 चंद्रमा में से एक बड़ा चंद्रमा है।
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परग्रही जीवन की खोज उम्मीदों से भरी गतिविधियाँ हैं और यही एक प्रमुख कारण है कि अंतरिक्ष कार्यक्रम को आमतौर से जनता का भी जन समर्थन रहता है। अब तक किसी भी ग्रह पर परग्रही के नहीं मिलने के बावजूद अंतरिक्ष जीवन (परग्रही) की तलाश में अंतरिक्ष अन्वेषण एक मजबूत उत्तेजनापूर्ण कार्य रहा है जो बेहद प्रोत्साहवर्धक भी रहा है।
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हाल ही में एक शीर्ष ब्रिटिश अंतरिक्ष वैज्ञानिक, प्रोफेसर मोनिका ग्रैडी, ने अपने भाषण में अंतरिक्ष अन्वेषकों को इस तरह की आशा भरी एक बड़ी खुराक दी है। वह कहती हैं कि यह निश्चित है कि बृहस्पति के चंद्रमा, यूरोपा पर जीवन के कुछ रूप मौजूद हैं।
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यह रूप आदमी की तरह दिखाई नहीं देगा, लेकिन यह ऑक्टोपस की तरह का दिखाई देगा। यह यूरोपा चंद्रमा के बर्फ के चादर के नीचे ठण्डे पानी में रहता है।
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ग्रैडी, लिवरपूल होप यूनिवर्सिटी में प्लैनेटरी एंड स्पेस साइंस के प्रोफेसर और चांसलर हैं और सोचती हैं कि हमारी आकाशगंगा में कहीं न कहीं अनदेखे जीवन की एक बड़ी संभावना है।
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वह यह भी कहती है कि सौर विकिरण से बचने के लिए कुछ संभावित जीवाणु जीव भूमिगत मंगल की गहरी गुफाएँ और खुरदरे स्थान पर आश्रय लिए हुए हो सकते हैं। वे गहरे नीचे दबी बर्फ से पानी प्राप्त कर सकते हैं।
फरवरी 2020 के अपने एक संबोधन में उन्होंने कहा था कि “जब पृथ्वी से परे जीवन की संभावनाओं की बात आती है तो यह लगभग एक निश्चित मान्यता है कि यूरोपा पर बर्फ के नीचे जीवन है।”
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वह सोचती है कि पृथ्वी से 390 मिलियन मील की दूरी पर स्थित यूरोपा में ये जीवन-रूप, मंगल ग्रह के बैक्टीरिया की तुलना में अधिक परिष्कार रूप हो सकते हैं, संभवतः “एक ऑक्टोपस के जितने बुद्धिमान हो सकते हैं। ”
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बृहस्पति के इस चंद्रमा पर जीव कहाँ होंगे? —–बर्फ की बहुत मोटी परत के नीचे कहीं, जो कुछ स्थानों पर 15 मील गहरी मोटी है। यह संभव है कि उन बर्फ के नीचे तरल पानी हो, जो कुछ भी वहाँ रहता है वह विकिरण तथा क्षुद्रग्रहों तथा अन्य विनाशकारी पिंडों के टक्कर से जीवन को संरक्षित रखता है।
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यूरोपा पर जीवन की संभावना इसके समुद्र तल पर संभावित जलतापीय (उष्मजल) झरनों से उत्पन हुई हो, पृथ्वी पर इसी तरह के झरने जीवन को पोषण देने वाली रहीं हैं।
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ग्रैडी सोचती है कि हमारे सौर मंडल को अलग से विशेष नहीं होना चाहिए और अंतरिक्ष संबंधी सांख्यिकीय यही कहता है। जैसा कि हम अन्य सितारों और आकाशगंगाओं का अन्वेषण करते हैं, जीवन के लिए उपयुक्त परिस्थितियों की खोज करने में हमें सक्षम होना चाहिए। “मुझे अत्यधिक यह संभावना लगता है कि जीवन कहीं और होगा- और मुझे यह भी संभावना लगता है कि वे एक समान तत्व से बने होंगे,” प्रोफेसर ने कहा।💐अनुवाद-नेह💐